मंगलवार, 18 जून 2013

लप्रेक (लघु प्रेम-कथा)






आरोही जब भी कोई शिकायत करती पलाश से; जवाब में वो कोई फ़िल्मी गीत गाने लगता या किसी शायर की कोई पंक्तियाँ..........। आरोही भी मुस्कुरा कर उसकी तरफ़ देखने लगती और सोचती..........काश..! ज़िन्दगी के हर सवाल का जवाब इतना ही आसान होता, किसी गीत या कविता की तरह और ज़िन्दगी इतनी ही प्यारी होती, बिल्कुल तुम्हारी तरह..........!!

                  
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